कोलकाता में धरती कांपी! बंगाल की खाड़ी में 5.1 तीव्रता का भूकंप, लोगों में दहशत

कोलकाता में धरती कांपी! बंगाल की खाड़ी में 5.1 तीव्रता का भूकंप, लोगों में दहशत
कोलकाता, पश्चिम बंगाल: कोलकाता पश्चिम बंगाल में भूकंप आने से लोगों में खलबली मच गई है वहां पर भूकंप आने से कुछ नुकसान होने का संभावना अभी तक नहीं आई है मंगलवार, 25 फरवरी 2025 की सुबह 6:10 बजे कोलकाता समेत पूरे पश्चिम बंगाल में धरती कांप उठी। बंगाल की खाड़ी में 5.1 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र समुद्र तल से 91 किलोमीटर की गहराई में था, जिससे इसका प्रभाव ज्यादा नहीं पड़ा, लेकिन कंपन इतना तेज था कि ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग घबरा गए।
क्या था भूकंप का असर?
– भूकंप का असर कोलकाता, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और मिदनापुर तक महसूस किया गया।
– कोलकाता की कई ऊंची इमारतों में झटके इतने तेज थे कि लोग तुरंत घरों से बाहर निकल आए।
– फिलहाल किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों ने अगले 24 घंटे तक सतर्क रहने की सलाह दी है।
भूकंप का केंद्र और वैज्ञानिक विश्लेषण
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में था और इसकी गहराई 91 किमी मापी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं, लेकिन कोलकाता जैसे घनी आबादी वाले शहर के लिए यह एक चेतावनी है।
लोगों की प्रतिक्रिया और दहशत
– भूकंप के झटके महसूस होते ही कोलकाता के कई इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए और दहशत का माहौल बन गया।
– सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी डरावनी अनुभव साझा किए।
– एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने अचानक झटके महसूस किए और फौरन घर से बाहर भागे। यह कुछ सेकंड का था, लेकिन बहुत डरावना था।”
भूकंप के दौरान क्या करें, क्या न करें?
किसी मजबूत टेबल या बेड के नीचे छुपें।
खिड़कियों, शीशों और भारी फर्नीचर से दूर रहें।
अगर बाहर हैं, तो बिजली के खंभों और ऊंची इमारतों से दूर रहें।
लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से बाहर निकलें।
पैनिक में न आएं, सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ें।
क्या कोलकाता में बड़ा भूकंप आ सकता है?
भूवैज्ञानिकों के अनुसार, कोलकाता एक भूकंपीय क्षेत्र (Seismic Zone III) में आता है, जहां हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। हालांकि, इस बार का भूकंप समुद्र के अंदर था, जिससे बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन भविष्य में बड़ी तीव्रता का भूकंप आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।